Diwali Kab Ki Hai 2024 Mein: 2024 की दिवाली आखिर 3 अक्टूबर को है या 1 नवम्बर, जानें शुभ मुहूर्त और मानने की विधि
इस साल दिवाली को लेके लोगों में कन्फ़्युशन है। इसलिए Diwali Kab Ki Hai 2024 Mein के बारे में बताऊँगा। इस साल की दिवाली 31अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा तथा उसी दिन ही कार्तिक माह का अमावश्या है।
Diwali का परिचय तथा इसके महत्व
दिवाली हर साल शरद ऋतु में मनाया जाने वाला भारतीय संस्कृति का लोकप्रिय प्रमुख त्योहार होता है। यह प्रमुख रूप से हिंदुओं का पर्व है। जिसे पूरी दुनिया में धूमधाम से मनाया जाता है। रावण का वध करने के बाद भगवान श्री के अयोध्या वापस लौटने और मां लक्ष्मी के आने के प्रतीक को दर्शाता है। यह अंधकार और बुराइयों से प्रकाश की ओर ले जाता है। इस दिन लोग अपने घरों में ढेर सारे दियों और मोमबत्तियों को जलाते हैं। और इसके अलावा अपने घर को फूलों से और इलेक्ट्रिक लाइट से भी सजावट करते हैं। इस दिन लोग एक दूसरे को दिवाली की शुभकामनाएं देते हैं और गले लगाए हैं।
Diwali पर लोगों का उत्साह
जैसे ही दिवाली (Diwali) का त्यौहार आता है लोगों में एक अलग प्रकार की उत्तेजना जागृत हो जाती है। और लोगों के बीच में खुशी का माहौल बन जाता है। गांव से लेकर शहर तक हर जगह दीपों का प्रकाश फैला हुआ और हर घर में सजावट दिखाई देता है। इसके साथ ही लोगों के चेहरे पर उस दिन एक अलग सी खुशी झलकती है। यह त्योहर लोगों के ईर्षा को भूलकर आपस में संबंध बनाना सिखाता है।
बच्चे, बूढ़े और जवान सभी लोग इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं। सभी लोग मिलकर इस त्योहार का जश्न मनाते हैं। इस सुनहरे मौके पर लोग अपने घर में अलग-अलग तरह के पकवान तथा बाजार से मिठाइयां लाते हैं। और इस त्योहार पर लोग एक-दूसरे को मिठाइयां बांटते हैं। और अपने मित्रों, संबंधियों और परिवार के साथ मिलकर इस त्योहार को सेलिब्रेट करते हैं।
Diwali date in 2024
यह त्योहर खुशियों का सबसे बड़ा दिन माना जाता है। इस साल की का धनतेरस 29 अक्टूबर 2024 को मनाया गया। तथा दिवाली की बात करें तो 2024 की दिवाली 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा। दिवाली के दिन लोग अपने घरों में मोमबत्ती जलाते हैं और अच्छी-अच्छी रंगोलियों से घर को सजाते हैं। भगवान श्री राम 14 वर्ष वनवास के बाद अपनी पत्नी सीता के साथ अयोध्या नगरी में वापस लौटे थे। उनकी खुशियों का जश्न मनाने के लिए समस्त अयोध्यावासियों ने भगवान श्री राम के स्वागत में दीपों को जलाए थे। इसी कारण आज हर घर में दिवाली को बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है।
Diwali kab hai (दिवाली कब है?)
बता दें कि दिवाली का त्योहार पांच दिवसीय होता है। लेकिन 2024 की दिवाली का जश्न पूरे 6 दिनों तक मनाया जाएगा। इसके अलावा दिवाली 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा उसी दिन छोटी दिवाली भी है। जबकि 29 अक्टूबर 2024 को धनतेरस मनाया गया है। 2 नवंबर को गोवर्धन पूजा मनाया जाएगा तथा 3 नवंबर को भाई दूज को सेलिब्रेट करते हुए दिवाली त्योहार समाप्त हो जाएगा।
Diwali 2024 Puja Shubh Muhurat
हिंदू पंचांग के मुताबिक, इस वर्ष कार्तिक मास अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर, 2024, दिन गुरुवार को 3 बजकर 52 मिनट पर पूजा की शुभ मुहूर्त की शुरुआत होगी तथा दूसरे दिन यानी 1 नवंबर 2024 को 6 बजकर 16 मिनट पर इसका समापन हो जाएगा। ऐसे में दिवाली पर लक्ष्मी पूजा 31 अक्टूबर को ही किया जाएगा।
इसी दिन लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:36 मिनट से 6:16 मिनट तक तथा 6:27 से 8:32 तक दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त बताया गया है। 31 को ही रात में 11:39 मिनट से 12:31 मिनट तक निशिता काल का भी मुहूर्त है। इस मुहूर्त में भी पूजा कर सकते हैं।
Diwali 2024 Puja Vidhi: दिवाली के दिन आप निम्नलिखित तरीके से पूजा विधि का अनुसरण कर सकते हैं।
- दिवाली के दिन शाम के समय शुभ मुहूर्त में ही पूजा की शुरुआत करें।
- मंदिर तथा मंदिर के देवी-देवताओं की साफ-सफाई करें।
- इसके बाद एक लकड़ी की चौकी पर लाल रंग या पीले रंग का कपड़ा बिछा दें।
- उस पर लक्ष्मी जी गणेश जी की तथा साथ में कुबेर भगवान का भी एक नई फोटो को स्थापित करें।
- उन फोटो पर गंगाजल का छिड़काव करें तथा आसन लगाकर बैठ जाए।
- उसके बाद ध्यान करके मंत्र का पाठ तथा विधि-विधान के साथ लक्ष्मी गणेश जी की पूजा करें।
- पूजा के समय ही धन की देवी माता लक्ष्मी को फल, फूल, धूप, हल्दी, दीप, बताशा, सिंदूर, कुमकुम, गुलाल, अबीर, घी, नैवेद्य तथा सुगंधित चीजों को अर्पित करें।
- उसके बाद मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर के सामने कम से कम 5 से 11 दीपों को अवश्य जलाएं।
- पूजा के वक्त लक्ष्मी चालीसा का पाठ, तथा लक्ष्मी मंत्र का जाप करें। तथा पूजा के समापन के बाद माता जी की आरती करें।
- पूजा के दौरान हुई त्रुटि के लिए माता जी से माफी मांगे और सुख समृद्धि की कामना करें।
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Satvik Diwali Kaise Manaye (सात्विक दिवाली कैसे मनायें)
दिवाली के दिन मिट्टी के दिए जलने से पर्यावरण दूषित नहीं होता है। अर्थात मिट्टी के दीप जलन से पर्यावरण कोई हानि नहीं होती है। वास्तु जानकारों के मुताबिक, दिवाली पर मिट्टी के दीप का प्रयोग करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है। मिट्टी का दीप संस्कृत और परंपरा का संकेत होता है।
यह पूरे देश में बड़ी धूम धाम से एक जश्न के रूप में मनाया जाता है। इसमें बच्चे पटाखे फोड़ते हैं और रॉकेट के साथ छुड़छुरी भी जलते हैं। जिससे बच्चे बहुत ही प्रफुल्लित हो जाते हैं और उनको आनंद की प्राप्ति होती है। इन पटाखों के उपयोग से पर्यावरण में ध्वनि और वायु प्रदूषण फैलता है। इसलिए लोगों को आर्टिफिशियल पटाखे का उपयोग करना चाहिए।
दिवाली एक बहुत ही सुंदर उत्सव का त्यौहार होता है। इस शुभ अवसर पर रिश्तेदारों और दोस्तों को मिलकर हैप्पी दिवाली की शुभकामनाएं जरूर दें। हो सके तो साथ में मिष्ठान का भी उपयोग करें। दिवाली के मौके पर मीठा खिलाना बहुत ही शुभ माना जाता है।
FAQS:
2024 में दीपावली की असली तारीख क्या है?
दीपावली 2024 कितनी तारीख को है? 2024 में दीपावली या दिवाली के तिथि की बात करें तो यह कार्तिक मास के अमावस्या के दिन 31 अक्टूबर, 2024 (Diwali date 2024 in India) को पूरे देश में मनाया जाएगा।
दीपावली कब है 2024 शुभ मुहूर्त?
इस साल की दिवाली 31 अक्टूबर, 2024 दिन गुरुवार को मनाया जाएगा। इस दिन लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:36 मिनट से लेकर शाम 6:16 मिनट तक होगा। इसके बाद 6:27 मिनट से लेकर 8:32 तक दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त रखा गया है। इस दिन निशिता काल में भी पूजा कर सकते हैं।
दीपावली 31 तारीख को है या 1 नवंबर को?
बता दें कि पंचांग के मुताबिक, इस साल की दिवाली 31 अक्टूबर, 2024 को है। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त कुछ इस प्रकार से है- शाम 6:52 PM से 8:41 PM तक होगा।
Conclusion: इस लेख में Diwali Kab Ki Hai 2024 Mein के बारे में जानकारी प्रदान किया गया है। इस लेख में आप अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही यह लेख अगर आपको अच्छा लगा हो तो दोस्तों को जरूर शेयर करें। इसी तरह अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हमारे वेबसाइट Sahikhabar24 के साथ। धन्यवाद!
Disclaimer: आपको बता दें कि Diwali के इस लेख में बताए गए उपाय/ सलाह/लाभ/ और कथन मात्र सामान्य सूचना के लिए है। इस लेख में लिखी गई बातों का समर्थन सही खबर 24 नहीं करता है। इस लेख में दी गई जानकारी ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धर्मग्रंथों/मान्यताओं से संग्रहित की गई है। पाठकों से विनम्र निवेदन है कि इस लेख को अंतिम अथवा दवा ना मानें। अतः अधिक जानकारी के लिए अपने ज्योतिषों से संपर्क करें।