Auron Mein Kahan Dum Tha: अजय-तब्बू प्रेम कहानी में नहीं है दम, शुरू होने से पहले खतम

Auron Mein Kahan Dum: अजय-तब्बू प्रेम कहानी में नहीं है दम, शुरू होने से पहले खतम

Auron Mein Kahan Dum Tha : 02 अगस्त 2024 में हुई रिलीज लव स्टोरी के मुख्य किरदार अजय-तब्बू में क्या वाकई में दम था या नहीं। आईए रिव्यू पढ़ें।

Auron Mein Kahan Dum Tha

इस Movie review में अजय देवगन, तब्बू, नीरज पांडेय और शांतुन माहेश्वरी जैसे बड़े बॉलीवुड मूवी कलाकार से इतनी बड़ी उम्मीद के बाद भी इस फिल्म की कहानी एक कहानी बनकर रह गई। लोगों को अजय देवगन की इस मूवी का बेसब्री से इंतजार था, पर अजय देवगन ने अपने फैन के उम्मीदों पर पानी फेर दिया। जानें क्या है कहानी

Auron Mein Kahan Dum Tha Movie का क्या है असली कहानी:

इस Movie review में फिल्म का किरदार अजय देवगन दो लोगों का मर्डर करने के जुर्म में अजय (कृष्णा) को 23 साल की जेल हो जाती है। जबकि वसुधा (तब्बू) समुंदर के किनारे कृष्णा के कंधे पर अपना सिर टिकाए हुए पूछती है कि हम दोनों को कोई अलग तो नही करेगा, तब अजय देवगन (कृष्णा) का डायलॉग “औरों में कहां दम था” मारते हैं। इस पर कृष्णा बोलता है किसी के माई के लाल में दम नही है की हमको अलग कर दे, अगर ऐसा हुआ तो आग लगा दूंगा पूरी दुनिया को।

इस फिल्म में कृष्णा का दबदबा ऐसा था कि उसके चश्मा उतारते ही दूसरे कैदी डर के मारे बगल हो जाते थे और जो बचता उसे वो छट्टी का दूध याद दिला देता था। कृष्णा मुंबई के आर्थर रोड जेल में 22 साल से डबल मर्डर की सजा काट रहा है। इसलिए उसको पुलिस वालों और बाकी कैदियों से उसकी बेहतर पहचान बन चुकी थी। उसी समय कृष्णा को पता चलता है कि उसकी 25 साल की सजा माफ हो जाती है और उसे अब घर जाना है। लेकिन कृष्णा के पास अब कुछ नहीं बचता क्योंकि अब वसुधा की शादी हो चुकी होती है।

अच्छे चाल चलन की वजह से कृष्णा की बची सजा माफ कर दी जाती है, लेकिन कृष्णा अब जेल के बाहर नहीं आना चाहता है क्योंकि उसकी प्रेम कहानी अधूरी  (वसुधा की शादी) रह गई। वसुधा की शादी हो चुकी है यह जानकर कृष्णा अपने रिहाई को रोकने के प्रयास में विफल हो जताई।

पूरे फिल्म की कहानी बैकग्राउंड स्टोरी पर चलती है। इस फिल्म की कहानी को लैला मजनू, हीर रांझा की। नकल करने की पूरी कोशिश को दर्शाता है, पर फेल हो गई कृष्णा और वसुधा की प्रेम कहानी।

वसुधा अब आलीशान बंगाली में अपने पति के साथ रहती है और कृष्णा को वसुधा अपने पति से मिलवाने लाती है। जिसकी वजह से दोनों की पुरानी प्रेम कहानी एक बार फिर से ताजा होकर सामने आती है। इसमें कृष्णा वसुधा के लिए बिना किसी शर्त के प्यार करता है और अपनी प्रेमिका वसुधा के लिए अपना सब कुछ खत्म कर देता है। इसलिए यह फिल्म काफी स्लो नजर आती है।

इस Movie review के मुताबिक 90 के दशक में अजय देवगन की एक अलग पहचान होती थी पर अब लगता है अजय पाजी में अब वह बात नहीं रही। इस फिल्म में एक ऐसा सीन दिखाया गया है जहां कृष्ण और वसुधा की जिंदगी बदल जाती है, us सीन को एक बार नहीं बल्कि चार-चार बार दिखाया गया है।

Auron Mein Kahan Dum Tha Movie review कैसी है अजय की फिल्म:

जैसा कि आप लोगों ने देखा होगा कि औरों में कहां दम था Movie review  से पता चला कि यह मूवी शुरुआत से बहुत स्लो है और सस्पेंस बनाने की पूरी कोशिश किया जाता है पर अब क्या होगा, ट्वीट कब आने वाला है, काफी सवाल उठते हीं पर अंत तक कोई ट्विस्ट ही नहीं आता है। अगर उसे हम लोग आम भाषा में बोले तो दर्शकों के साथ धोखा है। नीरज कुमार एक बेहतर फिल्म डायरेक्टर होने के बावजूद भी औरों में कहां दम था इतनी बोरिंग फिल्म से बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी जबकि 90 के दशक में अजय और तब्बू इससे बहुत बेहतर काम कर चुके हैं। आखिर क्यों नही चल पाई औरों में कहां दम था।

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Auron Mein Kahan Dum Tha Movie review की एक्टिंग:

वैसे तो अगर एक्टिंग की बात की जाए तो इस फिल्म में सभी किरदारों के द्वारा अच्छी भूमिका निभाई गई है। जहां शांतनु ने कृष्णा के यंगर वर्जन में अपनी टोन को पकड़ कर रखा और उन्होंने भी अच्छी तरह से अपना किरदार निभाया। इसमें साई मांजरेकर अपने रोल में काफी फिट हैं, और उनके इमोशन जगह पर नजर आते हैं।

कृष्णा को आप पूरी फिल्म में बस एक ही इमोशन में देखेंगे लेकिन उनकी डायलॉग डिलीवरी बहुत। कमाल की है। वसुधा यानी कि तब्बू ने भी इस फिल्म काफी शानदार रोल का प्रदर्शन किया है।और जिमी शेरगिल का तो कही जरा सा भी मसालेदार एक्टिंग नजर नही आई।

Auron Mein Kahan Dum Tha Movie review की बोरिंग डायरेक्शन:

नीरज पांडे एक बेहतरीन फिल्म डायरेक्टर हैं और उन्हें स्पेशल 26, बेबी ए वेडनेसडे जैसी मजेदार फिल्मों के लिए जाना जाता है। लेकिन इस Movie review से पता चलता है कि इस तरह की स्लो फिल्म की बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी। फिल्म के मुताबिक बताया जा रहा है कि उन्होंने पहली बार एक प्रेम कहानी का निर्देशन किया लेकिन उनका यह एक्सपेरिमेंट बिल्कुल विफल रहता है।

नीरज पांडे एक बेहतरीन डायरेक्टर के रूप में जाने जाते हैं। इस बार उन्होंने अपनी लीक से हटके कुछ अलग करने की कोशिश में नाकाम रह गए। और इस फिल्म को देखकर ऐसा लग रहा है की फिल्म में और भी मसाला, टूरिस्ट और सस्पेंस जोड़ने की आवश्यकता थी। अर्थात निर्देशन में कहीं न कहीं कमी थी इसलिए मूवी में दम नहीं है।

Movie review; आखिर कहां और कैसे चूके नीरज पांडेय:

फिल्म डायरेक्टर ‘नीरज पांडे जी’ को थ्रिलर और जासूसी वाली फिल्म का किंग माना जाता है। लेकिन पहली बार लव स्टोरी फिल्म पर नीरज पांडे से चूक हुई। हालांकि लव स्टोरी के पिच पर बिल्कुल भी नजर नही आए। जबकि चाल वाली कई फिल्मों में वहां के माहौल को बेहतरीन तरीके से दिखाया गया है। इनकी इतनी खराब इस Movie review को देखकर दर्शक मुह मोड़ लिए।

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इस कहानी को दो करो में विभाजित कर दिया गया है। इस कहानी में वर्तमान और बीते हुए समय का दोहराव मिलता है। इसी तरह इस फिल्म में कृष्णा की जेल में संघर्ष को दिखाया जाता है। लेकिन वसुधा के अतीत का बिलकुल भी पता नही चलता है। वसुधा और अभिजीत कैसे मिलते हैं और उनकी शादी कैसे होती है।

अभिजीत वसुधा को सच्चाई बताने के लिए कहता है, लेकिन वसुधा को यह समझ नहीं आता है कि उसकी प्रेम कहानी का अंदाजा कैसे हुआ। कई सवालों के जवाब वसुधा को बेहद परेशान कर रहे थे। आखिर वसुधा 22 साल से कृष्णा का इंतजार क्यों कर रही थी।

कृष्णा के स्वभाव में रहने वाले पाकिया का किरदार अधूरा दिखता है। प्रेम कहानी में मिलन हो या बिछड़ना हो या दर्शकों को कई चीज सिखा कर जाती है। देखा जाए तो उसे स्तर पर इस मूवी की कुछ भी वैल्यू नही दिखती अर्थात नाकाम रही। 22 साल के अंतराल में अजय में काफी ठहराव दिखता है, लेकिन युवास्था के समय में वह कही नहीं दिखता है।

अजय देवगन इससे पहले हम दिल दे चुके सनम में इश्क में हारे एक पति की भूमिका निभा चुके हैं। अजय देवगन की इतनी खराब Movie review कैसे हो सकती है। इस फिल्म में उनके लिए कुछ नया नहीं था। साई मांजरेकर पात्र के अनुरूप बिलकुल मासूम लगी। तरबूज की आंखों से उनका दर्द झलकने का प्रयास किया गया। लेकिन कमजोर संवाद उसमें आ जाते है।

अगर वैसे देखा जाए तो यह फिल्म अजय और तब्बू से ज्यादा शांतनु और सई की लगती है। तनु वेड्स  मनु, हैप्पी भाग जाएगी जैसी कई फिल्मों के जिमी शेरगिल के भूमिका में इनको नायिका अंत में मिलती ही नहीं है। नायक को उसे पाने में कामयाब होना पड़ता है। यहां इस फिल्म में जिमी शेरगिल कामयाब हो जाते है।

 Movie review: ‘Auro Mein Kahan Dum Tha’ का म्यूजिक लेबल:

इस फिल्म में अगर गाने की बात करें तो MS कीरावानी का म्यूजिक काफी शानदार है। क्योंकि इस फिल्म के गाने सुनकर काफी मजा आ जाता है।और यह इस फिल्म की अच्छी बात है। इस स्लो फिल्म के गाने काफी शानदार हैं।

FAQS:

औरों में कहां दम था के मुख्य किरदार कौन है?

अगस्त 2024 में रिलीज हुई इस फिल्म के नायक अजय देवगन हैं। लेकिन इसका Movie review कोई खास नहीं है।

औरों में कहां दम था रिव्यू क्या है?

अगर सही तरीके से देखा जाए तो औरों में कहां दम था में कुछ खास फिल्म बनाने से चूक गई।अजय देवगन की इस फिल्म में वो मसाला नही जो 90 दशक में रहा करता था।

औरों में कहां दम था इसके नायिका कौन हैं?

अजय देवगन और तब्बू की बहुत सी फिल्में आज तक सुपर डुपर हिट हुई है, लेकिन यह फिल्म इससे वंचित रह गई। इसके नायिका तब्बू जी हैं।

औरों में कहां दम था कब रिलीज होगा?

2 अगस्त 2024 को रिलीज हुई फिल्म औरों में कहां दम था का।कोई खास रिस्पॉन्स नहीं मिला।

Conclusion: 

आज के हमारे इस आर्टिकल में Auron Mein Kahan Dum Tha फुल मूवी रिव्यू के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करने की कोशिश की है कि इस फिल्म का एक्शन, कहानी, डायरेक्टर और म्यूजिक के बारे में बताया है।

हम आशा करते है कि आज का हमारा ये आर्टिकल आपको जरूर पसंद आया होगा। अगर आप भी अजय देवगन की इस मूवी को पसंद करते हो तो अपने फ्रेंड को शेयर और कमेन्ट करें।

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