Navratri Day 3 || Maa Chandraghanta || नवरात्रि के तीसरे दिन करें माँ चंद्रघंटा की पूजा, जानें पूजा विधि, मुहूर्त, मंत्र व आरती
नवरात्रि में माता दुर्गा जी की पूजा-अर्चना करने से लोगों के कष्ट दूर होते है। आज के दिन (Navratri Day 3 Maa Chandraghanta) मां चंद्रघंटा की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है।
Navratri Day 3 Maa Chandraghanta
नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा के साथ माता दुर्गा की पूजा करने से आपके ऊपर कृपा बरसेंगे। आईए जानते हैं नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा कैसे करें?
Navratri Day 3 Maa Chandraghanta Puja Vidhi: आज 5 अक्टूबर 2024 दिन शनिवार को नवरात्रि का तीसरा दिन है। नवरात्रि के तीसरे दिन दुर्गा माता के तीसरा स्वरूप होता है, इस दिन पूजा करने से व्यक्ति के कष्ट दूर होते हैं। मां चंद्रघंटा को ही माता दुर्गा का तीसरा स्वरूप कहा जाता है। मां चंद्रघंटा को इस दिन अन्य भोग के अतिरिक्त पंचामृत और शक्कर का भोग लगाना शुभ माना जाता है। शास्त्रों के मुताबिक, ऐसा माना जाता है कि मां चंद्रघंटा को यह भोग लगाने से व्यक्ति को दीर्घायु का वरदान प्राप्त होता है। इनके पूजा अर्चना करने से मनुष्य के अंदर सदाचार वा संयम की वृद्धि होती है।
मां चंद्रघंटा की पूजा करने से उनके भक्तों को तेज तथा ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। नवरात्रि के तीसरे दिन इस माता के वंदन से परम लघु आवाज से मन को बहुत ही शांति और स्थिरता प्राप्त होती है। आईए जानते हैं मां चंद्रघंटा की पूजा विधि से लेकर स्वरूप तक।
Maa Chandraghanta Puja Vidhi (मां चंद्रघंटा पूजा विधि)
- प्रातः काल उठकर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके साफ-सुथरे कपड़े पहन ले।
- उसके पश्चात मां चंद्रघंटा को शुद्ध जल और पंचामृत से नहलायें।
- उसके बाद मां चंद्रघंटा को अक्षत, सिंदूर, सफेद कमल, पीले रंग के फूल, धूप, दीप, फल, कुमकुम, आदि चढ़ाएं।
- उसके बाद दूध केसर से बनी हुई मिठाईयां और खीर का भोग लगाएं।
- उसके बाद मां को सफेद कमल, गुलाब का माला अर्पण करिए।
- उसके बाद मां चंद्रघंटा के मंत्र का उच्चारण करना शुरू करिए।
- पूजा के बाद मां चंद्रघंटा की मन से आरती करें।
मां चंद्रघंटा की पूजा से मिलेंगे ये फायदे
- नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा करने से मान-सम्मान और जीवन में सुधार होता है।
- देवी की पूजा करने से आप अपने दुश्मनों से जीत हासिल कर सकते हैं।
- मां चंद्रघंटा की पूजा वैवाहिक जीवन मे खुशहाली लाने के लिए भी किया जाता है।
- देवी चंद्रघंटा यश और कीर्ति के साथ मृत्यु के बाद अपने भक्तों को मोक्ष प्रदान करती हैं।
- मां चंद्रमा की पूजा करने से सुख, समृद्धि में वृद्धि होती है। अपनी कुंडली में शुक्रदोष को भी दूर कर सकते हैं।
- इनकी पूजा करने से संतान सुरक्षित रहते हैं और आपके परिवार पर आने वाली संकट का निवारण हो जाता है।
मां चंद्रघंटा का स्वरूप
अपनी सवारी बाघ पर जब मां चंद्रघंटा सवार होती हैं। तो उनके शरीर का रंग शरण के समान अत्यंत चमकीला दिखाई देती है। उन्हें चंद्रघंटा इसलिए कहा जाता है क्योंकि उनके मस्तक पर बिल्कुल घंटे के आकार का अर्धचंद्र बना होता है। मां दुर्गा को 10 भुजाओं वाली देवी कहा जाता है। उनकी तस्वीर भुज में अलग-अलग शस्त्र होता है। जो इनको सुशोभित करते हैं।
उनके गले में सफेद फूलों की माला होने के कारण उनका स्वरूप बहुत ही सुंदर प्रतीत होता है। जबकि मां दुर्गा दुष्टों का नाश करके और अत्याचार को रोकने के लिए सदैव तैयार रहती हैं। परंतु उनका रूप देखने वाले और उपासना के लिए शांति से भरा दिखाई देती है। यह अपने भक्तों के कष्टों का तुरंत ही निवारण के लिए सदैव तत्पर रहती हैं और उनका निवारण भी करती हैं।
Maa Chandraghanta Shubh Muhurt (माँ चंद्रघंटा पूजा शुभ मुहूर्त)
नवरात्रि के तीसरे दिन दुर्गा मां के तीसरे अवतार की पूजा की जाती है इसलिए इस दिन को मां चंद्रघंटा का दिन कहा जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, मां चंद्रघंटा की पूजा का शुभ मुहूर्त 5 अक्टूबर 2024, शनिवार के दिन 11: 46 मिनट से आरंभ होगा। और इसका समापन 12:33 मिनट हो जायेगा।
Maa Chandraghanta Arti (माँ चंद्रघंटा की आरती)
जय मां चंद्रघंटा सुख धाम।
पूर्ण कीजो मेरे सभी काम।।
चंद्र समान तुम शीतल दाती।
चंद्र तेज किरणों में समाती।।
क्रोध को शांत करने वाली।
मीठे बोल सिखाने वाली।।
मन की मालक मन भाती हो।
चंद्र घंटा तुम वरदाती हो।।
सुंदर भाव को लाने वाली।
हर संकट मे बचाने वाली।।
हर बुधवार जो तुझे ध्याये।
श्रद्धा सहित जो विनय सुनाएं।।
मूर्ति चंद्र आकार बनाएं।
सन्मुख घी की ज्योति जलाएं।।
शीश झुका कहे मन की बाता।
पूर्ण आस करो जगदाता।।
कांचीपुर स्थान तुम्हारा।
करनाटिका में मान तुम्हारा।।
नाम तेरा रटूं महारानी।
भक्त की रक्षा करो भवानी।।
Maa Chandraghanta Mantra In Hindi (माँ चंद्रघंटा का मंत्र)
मां चंद्रघंटा का पूजा करते समय सभी लोगों को उनके मंत्र का स्मरण करना चाहिए। जिससे मन को शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। आईए जानते हैं क्या है मां चंद्रघंटा के पूजा का मंत्र-
1. नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नम:।
पिण्डजप्रवरारूढ़ा ण्डकोपास्त्रकेर्युता। ।
2. ऐं श्रीं शक्तयै नम:
3. या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नम:।।
पिण्डजप्रवरारूढ़ा ण्डकोपास्त्रकेर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता । ।
FAQS:
नवरात्रि के तीसरे दिन का मंत्र क्या है?
मां चंद्रघंटा क मंत्र:-
या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नम:।।
पिण्डजप्रवरारूढ़ा ण्डकोपास्त्रकेर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता । ।
नवरात्रि के तीसरे दिन का मतलब क्या होता है?
नवरात्रि में स्थापित होने वाली मां दुर्गाजी के तीसरे स्वरूप को ही मां चंद्रघंटा के नाम से जाना जाता है। नवरात्रि के तीसरे दिन इसी माता की पूजा अर्चना की जाती है। देवी भागवत पुराण के मुताबिक, मां दुर्गा के तीसरे अवतार की पूजा करना शांतिदायक और कल्याणकारी होता है। उनके माथे पर घंटे के आकार का आधा चंद्र के कारण इनका मां चंद्रघंटा कहा जाता है।
नवरात्रि के तीसरे दिन माँ को क्या भोग लगाएँ?
ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा में खीर का भोग लगाना सबसे अच्छा माना जाता है। मां चंद्रघंटा को पंचमेवा और दूध से बनी मिठाइयां तथा केसर की खीर बहुत ही पसंद करती हैं।
नवरात्रि के तीसरे दिन क्या चढ़ाएं?
मां चंद्रघंटा के दिन इनको चमेली के फूल, चंदन और चावल के साथ दूध, दही और शहद आदि को से अभिषेक करते है।
Conclusion: इस लेख में Navratri Day 3 Maa Chandraghanta के बारे में जानकारी प्रदान किया गया है। इस लेख में अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। अगर यह लेख आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों को जरूर शेयर करें। इसी तरह अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हमारे वेबसाइट sahikhabar24 के साथ।
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