Raksha Bandhan 2024: राखी बांधने से पहले जानें कब है शुभ मुहूर्त, सुबह नहीं बांध सकेंगे रक्षा बंधन, 1:30 बजे तक रहेगा भद्राकाल
Raksha Bandhan 2024: भद्राकाल में राखी नहीं बात नहीं चाहिए। 1:30 बजे तक भद्रा रहेगा, उसके रक्षा बंधन बांध सकते हैं। उसी दिन सावन का समापन भी होगा।
Raksha Bandhan 2024:
यह पवित्र पर्व श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को ही मनाया जाता है। इस बार पूर्णिमा 19 अगस्त को रात 11:55 तक रहेगी। इस साल राखी का त्योहार 19 अगस्त दिन सोमवार को मनाया जाना है। रक्षाबंधन का त्यौहार भाई और बहन के लिए अटूट प्रेम, विश्वास और स्नेह का पर्व होता है। अगर देखा जाए तो पंचांग के अनुसार हर साल रक्षाबंधन का त्योहार पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है जो कि अगस्त के महीने में पड़ता है। इसी दिन बहन अपने भाई के हाथ की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती है। रक्षाबंधन के दिन राखी हमेशा शुभ मुहूर्त देखकर ही बांधा जाना चाहिए।
और भद्राकाल में राखी को बिलकुल भी नहीं बांधना चाहिए। क्योंकि शुभ मुहूर्त न होने पर Raksha Bandhan बांधना अच्छा नहीं माना जाता है। लेकिन पंचांग के अनुसार इस साल रक्षासूत्र बढ़ने के लिए 1:30 बजे के पहले कोई शुभ मुहूर्त नही है। यानी सुबह के समय बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी नहीं बांध सकती हैं। इसलिए राखी बांधने के लिए बहनों को 21 अगस्त 2024 दोपहर को 1:30 के बाद राखी बांधने का इंतजार करना होगा। भद्र कल खत्म होने के बाद शुभ मुहूर्त में बहन अपने भाई को राखी बढ़ सकती है।
ज्योतिषाचार्य डॉक्टर अरुणेश कुमार शर्मा ने बताया है कि इस बार राखी के त्यौहार पर भद्रा का प्रकोप रहेगा। लेकिन चंद्रमा का मकर राशि होने के कारण भद्रा काल केवल पाताल लोक में ही रहेगा। इसलिए इसका असर धरती पर नहीं पड़ेगा और धरती पर शुभ कार्य कर सकते हैं अतः पूरे दिन रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जा सकता है। राहुकाल में आपको राखी बांधने से बचना चाहिए।
Raksha Bandhan बांधने के लिए शुभ मुहूर्त
ज्योतिषी के अनुसार अनीश व्यास के अनुसार 19 अगस्त को सावन पूर्णिमा के दिन सुबह 3:04 से पूर्णिमा तिथि लगेगी, और यहां 11:55 पर समाप्त हो जाएगा। पूरे दिन पूर्णिमा होने के बाद भी बहन अपने भाई के कलाई पर राखी बांधने में असमर्थ रहेगी। क्योंकि इस दिन सूर्योदय से पहले ही भद्रा का प्रकोप रहेगा और यह दोपहर 1:30 पर समाप्त होगा।
ऐसे देखा जाए तो दोपहर 1: 30 मिनट के बाद बहन अपने भाई को स्नेहा सूत्र बांधकर मिठाई खिला सकती है। राखी बांधने के लिए दोपहर 1:30 बजे से लेकर शाम 7:00 बजे के बीच शुभ मुहूर्त रहेगा। और इसके बीच भद्रा नहीं रहेगा।
ऐसा माना जाता है कि रावण की बहन ने भद्र काल में अपने भाई को राखी बांधी थी, जिसके कारण रावण की मृत्यु हो गई थी, इसी कारण कोई भी भद्रा काल में कोई भी बहन अपने भाई को राखी नहीं बांधती है। इसलिए भद्रा काल में रखी बांधना अशोक माना जाता है।
Raksha Bandha के दिन होगा राहुकाल
19 अगस्त 2024 को इस साल सुबह 7:31 से 9:8 तक राहु काल भी रहने वाला है।
Raksha Bandhan बांधने की पूर्ण विधि
1) सबसे पहले सुबह ब्रह्म मुहूर्त में आपको उठ जाना है और स्नान करके आपको साफ सुथरे या नए कपड़े पहनना है।
2) आपको गणेश जी का ध्यान करना चाहिए।
सभी देवी देवताओं को गंगाजल से नहलाना है।
3) अक्षत चंदन और फूलों को देवी देवताओं के ऊपर चढ़ाना चाहिए।
4) अपने घर के मंदिर में घी का दीपक और धूपबत्ती जलाएं।
5) उसके बाद अपने मन पसन्द देवताओं रक्षा बंधन बांधना चाहिए।
6) और श्रद्धा के साथ आरती करना चाहिए।
7) भगवान को भोग अर्पित करने के बाद क्षमा प्रार्थना करें।
भगवान को भाई मानकर बांध सकते हैं (Raksha Bandhan)
Raksha Bandhan के दिन कुछ लोग भगवान भोलेनाथ को भी राखी बांधते हैं और आप इस दिन शिव जी को अपना भाई बनाकर राखी बांध सकती हैं। जी बहन के पास कोई अपना भाई नहीं है वह भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग पर रखी चढ़ा सकती है।
जब किसी को भाई और डर सताता है तो वह हनुमान जी का नाम स्मरण करता है इसलिए अगर आपका भी कोई भाई नहीं है तो आप हनुमान जी उर्फ बजरंगबली को राखी बढ़ सकते है।
बताया जाता है कि जब द्रोपदी का चीर हरण हो रहा था तब भगवान श्री कृष्ण ने उनकी सहायता की थी इसलिए अगर आप भी भगवान को Raksha Bandhan बांधना चाहते हैं तो भगवान श्री कृष्ण को भाई मानकर आप राखी बांध सकते हैं। इस तरीके से आप भगवान को अपना भाई मानकर राखी बांध सकते हैं।
जहरीली मिठाइयों से बचें, नहीं तो सेहत होगी खराब
क्या आपको पता है कि Raksha Bandhan के दिन दुकानदार की दुकान पर इतनी सारी मिठाईयां कैसे उपलब्ध होती हैं? Raksha Bandhan के दिन मिठाइयों की दुकान पर काफी भीड़ रहती है और उस दिन दुकान पर उपलब्ध मिठाइयों में काफी तेजी मिलावट पाई जाती है। जिसकी वजह से मिठाइयां जहरीली हो सकती हैं और आपकी सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। अगर आप भी मिठाई खरीदने जा रहे हैं तो सावधान रहें। और आपको शुद्ध और अशुद्ध मिठाई की पहचान करने के लिए एक नए तरीके को जरूर अपनाना चाहिए। जानें क्या है वो तरीका?
असली और मिलावटी मिठाइयों की पहचान
अगर आप Raksha Bandhan के दिन बाजार से मिठाई खरीद रहे हैं तो आपको इस मिठाई की पहचान करने के लिए कि वह असली है या नकली इसके बारे में आप आसानी से पता लगा सकते हैं आपको किसी भी प्रकार की समस्या को लेकर परेशान नही होना है।
मिठाई की पहचान करने के लिए आपको अलग-अलग दो मिठाइयों का सैंपल लेना है और उसको अलग अलग दो बर्तन में गर्म पानी के अंदर डाल देना है और उसके बाद आपको उसमें थोड़ा सा आयोडीन डाल दें। इसके बाद अगर मिठाई के रंग में कोई बदलाव होता है तो पूरी संभावना है की मिठाई मिलावटी है और अगर मिठाई के रंग में कोई भी परिवर्तन नहीं होता है तो उसमें किसी भी प्रकार की।मिलावट नही है।
Raksha Bandhan बाधनें का तरीका और मूल मंत्र
आपको Raksha Bandhan के दिन पूजा की थाली में नारियल, पानी का लोटा, कुमकुम, चावल, अक्षत, रक्षा सूत्र और मिठाई को अच्छे से सजा लें और फिर सबसे पहले बहन को गणेश भगवान का ध्यान करते हुए अपने भाई के मस्तक पर चंदनिया कुमकुम का तिलक लगाना चाहिए तिलक के ऊपर चावल भी लगाना चाहिए। और भाई के कलाई पर भगवान से विनती करते हुए राखी बांधनी चाहिए। उसके बाद भाई की आरती उतारनी चाहिए। और आरती के बाद भाई को दाहिने हाथ से मीठा खिलाना चाहिए।
FAQS:
रक्षाबंधन का शुभ टाइम कब है ?
इस साल का रक्षाबंधन 19 अगस्त 2024 पूर्णिमा के दिन सावन सोमवार के अंतिम तिथि को मनाया जाएगा।
रक्षाबंधन पर किसकी पूजा की जाती है?
इस साल का रक्षाबंधन 19 अगस्त 2024को मनाया जाना है। साथी इस दिन मां लक्ष्मी जी का पूजा की जाती है क्योंकि इस दिन पूर्णिमा होने से लक्ष्मी माता की तिथि की पूजा से जुड़ी होती है।
क्या पत्नी पति को राखी बांधती है?
पत्नी अपने पति को भी राखी बांध सकती है क्योंकि राखी का मुख्य उद्देश्य रक्षा करना होता है। और इसको किसी को प्यार और देखभाल की संकेत के रूप में बांधी जा सकती है।
भादरा में राखी बांधने से क्या होता है?
दर्शन शनि की बहन भद्र को श्राप मिला था कि उसके समय में किसी भी कार्य को आप करेंगे तो उसमें अशुभ फल मिलेगा। भद्रा काल में राखी नहीं बांधनी चाहिए, क्योंकि बताया जाता है कि लंका पति रावण की बहन ने रावण को भद्रा काल में राखी बांधी थी जिससे उसकी की मृत्यु हो गई थी।
सावन पूर्णिमा कब है 2024?
पंचांग के मुताबिक सावन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा की तिथि 19 अगस्त 2024 को सुबह 3:43 पर शुरू होगा और रात्रि को 11:55 पर खत्म होगा।
सबसे पहले राखी किसने बांधी थी?
पौराणिक ग्रंथों के मुताबिक पहली बार कोई कोई बहन ने अपने भाई को राखी बांधी थी। लेकिन इंद्र और इंद्राणी की पहली कहानी यह बताती है कि राखी पहली बार राखी एक पत्नी ने अपनी पति को बांधी थी। अगर आपको भी लगे की क्या हम अपने पति को राखी बांध सकते हैं तो आप ये जरूर कर सकते हैं।
Conclusion:
आज के हमारे इस आर्टिकल में Raksha Bandhan के बारे में पूरी जानकारी प्रदान की है। जिसमें आपको रक्षा बंधन कब से बाँधना है, भद्राकाल, राहुकाल कब से कब तक होगा, रक्षा सूत्र पहनाने का सही समय के उपेर टिप्पड़ई है। अगर आप भी अपने बहन से राखी बँधवातें हैं तो कॉमेंट जरूर करें।
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Disclaimer: Raksha Bandhan के इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते की हमारे द्वारा दी गई जानकारी पूर्णतया सही और सटीक है। इसलिए किसी भी विस्तृत जानकारी या मान्यता को मानने से पहले इससे संबंधित विशेषज्ञों से सलाह जरूर लें।
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