Sheikh Hasina: ने दिया इस्तीफा, शेरपुर जेल पर हुआ हमला और 500 कैदी फरार, होटल में 8 लोगों को जलाया गया जिंदा
सूत्रों के मुताबिक बताया जा रहा है कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री Sheikh Hasina इस्तीफा दे चुकी है। पूरे शहर में खबर ने सनसनी मचा के रख दी है।
आपको यह भी पता है कि शेख हसीना का जीवन संघर्षों से भरा हुआ और उतार-चढ़ाव में बीटा है। उनके पर्सनल लाइफ के ऊपर फिल्म भी बन चुकी है, जो कि Sheikh Hasina के संघर्षों के बारे में दर्शाता है। शेख हसीना के इस्तीफा देने के बावजूद भी पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में हिंसा की आग अभी भी जल रही है और इस आग में वहां के लोग जल रहे हैं। छात्रों का प्रदर्शन उसे मोड पर आ गया है जहां बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देकर देश छोड़कर चला जाना पड़ा।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की जिंदगी में बहुत सारे उतार-चढ़ाव आए और इनकी जिंदगी में आए इस मुसीबत ने हर किसी को हैरानगी में डाल दिया है। लेकिन सूत्रों के हिसाब से उनकी जिंदगी में यह पहली बार नहीं है उनकी जिंदगी में बहुत सारी मुसीबतें पहले भी आ चुकी हैं। इन्होंने अपनी जिंदगी में कई बार मुसीबतों का सामना किया है। हसीना के जीवन के उपर फिल्म भी बन चुकी है। क्यों बनी शेख हसीना की फिल्म आइए जाने:
Sheikh Hasina: अ डॉटर्स टेल:
प्रधानमंत्री Sheikh Hasina की बनी इस फिल्म का डायरेक्शन पिपुल खान के द्वारा किया गया था। इस डॉक्यू ड्रामा फिल्म में Sheikh Hasina की जिंदगी को बेहद अच्छी तरीके से निभाया गया है। इस फिल्म में हसीना खुद बात करती हुई नजर आई थी इस फिल्म ड्यूरेशन लगभग 1 घंटा 10 मिनट की थी और ये फिल्म 16 नवंबर 2018 में रिलीज हुई थी। और मूवी का रिव्यू काफी ठीक ठाक था। रिपोर्ट के मुताबिक बताया गया की इस फिल्म को बंगाली भाषा में रिलीज किया गया और इसमें कुल लागत लगभग 1.8 करोड़ था। इस फिल्म को इंटरनेशनल लेवल पर भी रिलीज किया गया था जिससे इस फिल्म की अच्छी खासी कमाई हो गई थी।
Sheikh Hasina ने क्यों दिया इस्तीफा:
मीडिया के मुताबिक खबर सामने आई है कि प्रधानमंत्री Sheikh Hasina सरकार ने 1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के रिश्तेदारों के लिए कई सिविल सेवाएं सर्विसेज में आरक्षण का ऐलान किया था। और इसका विरोध करते हुए बहुत सारे स्टूडेंट सड़क पर उतर आए, जिसकी वजह से सरकार ने इस विरोध के बाद कोटा कुछ हद तक वापस लेने का निर्णय लिया।
इसके बावजूद भी उन प्रदर्शनी छात्रों का प्रर्दशन चालू था। क्योंकि Sheikh Hasina ने विरोध प्रदर्शन के बाद व्यवस्था को ठीक करने के लिए सेना को बुलाया। और इस दौरान हुई हिंसा में सबसे अधिक छात्रों की मौत हो चुकी इसके बाद यह मामला और भी गंभीर हो चुका था। इसी कारण शेख हसीना के इस्तीफे की माग हुई।
संघर्ष भरा जीवनी पीएम Sheikh Hasina:
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना का जन्म 28 सितंबर 1947 को हुआ था। शुरुआती जीवन उन्होंने ढाका में बिताया और वह अपने घर की सबसे बड़ी बेटी थी। बताया जाता है कि हसीना ने कॉलेज में छात्र नेता के तौर पर शुरुआत की थी। और साल 1975 में उनके माता-पिता और तीन भाइयों की हत्या कर दी गई जींस की वजह से उन्हें काफी बुरे हालात का सामना करना पड़ा। और उनको राजनीति में इंटरेस्ट था। इसलिए उनको राजनीति का उभरता हुआ सितारा माना जाता था।
उनकी इस बुरी हालत को देखते हुए सी ने बगावत कर कि उनके परिवार के खिलाफ मोर्चा खड़ा किया। जबकि उनके परिवार के ज्यादातर लोग जान से मार दिए गए थे। लेकिन Sheikh Hasina के पति वाजिद मियां और छोटी बहन शेख रिहाना की जान बच गई थी। इसके बाद आगे की शिक्षा के लिए वह जर्मनी चली गई थी।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री Sheikh Hasina 2009 से प्रधानमंत्री पद को सम्हाल रही थी। वह अब तक चार बार प्रधानमंत्री की शपथ ले चुकी हैं। वह आजाद बांग्लादेश की पहली प्रधानमंत्री रही थी। जिन्होंने 5 साल का कार्यकाल पूरा किया, और अब तक थी।
शेरपुर जेल पर हमला कर 500 कैदियों को फरार किया:
इस हिंसा आंदोलन की वजह से बांग्लादेश शेरपुर जिला जेल में उपद्रवियों ने हमला करके लगभग 500 कैदियों को जेल से फरार कर दिया। कर्फ्यू के बीच लाठी डंडों और हथियारों से लैस स्थानीय भीड़ ने रैली निकाला। इसके दौरान उस भीड़ ने शहर के दमा दम कालीगंज इलाके में स्थित जिला जेल पर हमला बोल दिया और जेल का गेट तोड़कर आग लगा दी।
प्रधानमंत्री Sheikh Hasina के आवास में हुई लूटपाट:
रिपोर्ट के मुताबिक 5 अगस्त को बांग्लादेश में बिगड़ते हालातों को देखकर शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और देश छोड़कर जाने के लिए मजबूर हो गईं। हालांकि, बांग्लादेश हिंसा आंदोलन में सेना ने पूरे शासन को बेहतर ढंग से संभाला है और अंतरिम सरकार के गठन की प्रक्रिया चालू है। हसीना वायु सेवा की विशेष विमान से भारत के हिंडन एयरबेस पहुंचकर एक सेफ हाउस में ठहरी हैं। 5 अगस्त को बांग्लादेश के प्रधानमंत्री आवास घर भवन पर हमला करके जमकर लूटपाट की, और वहां पर जो भी मिला सब लेकर जाए लगे।
सोशल मीडिया में वायरल इस वीडियो में लोगों को प्रधानमंत्री आवास से सोफा, बकरी, खरगोश, कुर्सियां ले जाते हुए देखा गया। हसीना और उनकी बेटी के कपड़े भी ले गए। इसी तरीके से अफगानिस्तान में से स्थिति देखने को मिली थी जब तालिबान ने सत्ता पर कब्जा किया था और श्रीलंका में भी एक साल पहले आंदोलनकारी राष्ट्रपति भवन में घुस गए थे।
जेसोर के एक होटल में लगाई गई आग, 8 लोगो की मौत:
रिपोर्ट्स के मुताबिक बताया जा रहा है कि बांग्लादेश में कर रहे प्रदर्शनकारी में अब अल्प संख्यक हिंदुओं, हसीना और उनकी पार्टी अवामी लीग के समर्थकों और उनके प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया जा रहा है। जेसोर जिले में एक होटल में आग लगा दिया गया और वहां पर 8 लोगों को जिंदा जला दिया गया। अभी भी लगातार खबरें आ रही है कि Sheikh Hasina के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद भी बांग्लादेश हिंसा आंदोलन प्रदर्शनकारियों के द्वारा अभी भी जारी है। बिल्कुल भी रुकने का नाम नहीं ले रही है।
सोमवार को जेसोर में एक होटल में उपद्रवियों ने आग लगाकर आठ लोगों को जलाकर मौत के घाट उतार दिया और लगभग 84 लोग घायल हुए।
पूर्व कप्तान मशरफे मुर्तजा का जलाया गया घर:
बांग्लादेश के क्रिकेटर लिटन दास और पूर्व कप्तान मशरफे मुर्तजा के घरों को उपद्रवियों ने आग लगाकर घर को जला दिया। क्योंकि मशरफे मुर्तजा लीग के नेता हैं। उन्होंने जनवरी में Sheikh Hasina की पार्टी के लिए चुनाव लड़े थे और संसद बन गए थे। बांग्लादेश क्रिकेट टीम के विकेटकीपर और ओपनर लिटन दास है।
प्रधानमंत्री Sheikh Hasina की इस्तीफा देने के बाद राजधानी ढाक में अलग-अलग स्थानों पर हजारों लोग जश्न मनाते हुए नजर आए। उसे जश्न के दौरान में ही कुछ लोगों ने चित्तरमोर में जाबिर होटल में आग लगा दी और फर्नीचर को भी तोड़ दिया इसके बाद जिला आवामी लीग कार्यालय और शरशा और बेनापोल इलाके में तीन और आवामी लीग नेताओं के घरों पर भी हमला किया गया। उपद्रवियों ने पूरे बांग्लादेश को शमशान बना दिया है।
विवादित कोटा सिस्टम के खिलाफ प्रोटेस्ट क्यों शुरु हुआ:
बांग्लादेश में कोटा सिस्टम के खिलाफ हाई कोर्ट के आदेश के बाद पिछले महीन के अंत में शुरू हुआ। देश की सबसे बड़ी ढाका विश्वविद्यालय में आंदोलनकारी छात्रों की पुलिस और सरकार समर्थक प्रदर्शनकारियों के साथ हिंसक झड़प हो गई इसलिए विरोध प्रदर्शन बहुत ज्यादा बाद गई। विरोध करने वाले प्रदर्शनियों की जड़े विवाद स्पष्ट कोटा सिस्टम की वजह से है। हालांकि आंदोलन के बीच सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में इस कोटा सिस्टम को खत्म करके 93 फीसदी की भर्तियां मैरिट बेस पर कर दी गई और 7 प्रतिशत तक आरक्षण का दायरा सीमित कर दिया गया।
FAQS:
शेख हसीना को क्यों हटाया गया?
बंग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपनी सरकार के सरकारी नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनकारियों द्वारा विरोध की वजह से पीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा और अपना निवास स्थान छोड़कर भाग गई।
शेख हसीना वर्तमान समय में खा हैं?
बंग्लादेश में हो रहे राजनीतिक उथल पुथल के कारण छात्र प्रदर्शनियों की मांग की वजह से शेख हसीना देश छोड़कर भाग गई। अभिब्वाह गाजियाबाद जैसे शहर के हिंडन एयरबेस पर उतरी हैं।
बांग्लादेश में अशांति क्यों है?
इसका मुख्य कारण निजी क्षेत्र में नौकरियों की वृद्धि में कमी और आरक्षण में कमी को बताया जा रहा है। इसी को लेकर प्रदर्शनकारियों ने किया हंगामा और सब कुछ तहस नहस हो गया है, जिसके कारण अर्थव्यवस्था भी भंग हो गई है।
शेख हसीना की उम्र कितनी है?
शेख हसीना का जन्म 1947 में हुआ था। इनकी उम्र 76 वर्ष है।
CONCLUSION:
आज के हमारे इस आर्टिकल में बांग्लादेश में हुए छात्र प्रदर्शनियों के द्वारा किए गए भयानक हिंसा आंदोलन की वजह से “बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना को देना पड़ा इस्तीफा” के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करने की कोशिश की है कि किस तरह से बांग्लादेश में हुई हिंसा से किन किन परिस्थितियों को झेलना पड़ रहा है।
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